धूनीमाता

आश्रम में सन १९३० से अखंड धूनी एवं ज्योति प्रज्ज्वलित है

आश्रम में अखंड धूनी प्रज्जवलित है.



श्री दादा जी महाराज को धूनी अत्यंत प्रिय थी. श्री छोटे दादाजी महाराज यहाँ व्यापक रूप से सूखे मेवे,नारियल ,देसी घी, हवन सामग्री के साथ लोक कल्याण हेतु हवन किया करते थे .



धूनी में सूखे नारियल एवं मेवों से भक्तगण हवं पूजन कर सकते हैं.धूनी माता की भस्म भक्त गण अपने साथ ले जाते हैं .भक्त गण धूनी माता में ओम की आकृति भी बनाते हैं

श्री गुरु पूर्णिमा महा पर्व पर धूनी माता के विराट स्वरुप के दर्शन होते हैं. भारी मात्रा में नारियल तथा अन्य सामग्री भक्तों द्वारा अर्पित की जाती है इस समय तापमान प्रचंड हो जाता है तथा भव्य एवं पवित्र वातावरण निर्मित होता है.