श्री हरिहर भोले भगवान छोटे दादाजी महाराज के सान्निध्य में श्री दादा दरबार में भंडार
का निर्माण हुआ .भंडार गृह में प्रतिदिन नैवेद्य तैयार किया जाता है जो समाधी देवता
को समर्पित किया जाता है .इसके अतिरिक्त बाहर से आने वाले यात्रीगण ,परिक्रमा वासियों
तथा साधू सन्यासियों के लिए प्रति दिन भंडारा होता है.
श्री दादा दरबार में २ भंडार हैं .भंडार में नैवेद्य पकाने हेतु लकडियों का ही प्रयोग
किया जाता है. प्रतिदिन ४ नैवेद्य (टिक्कड़ महाप्रसाद) तथा २ चाय के नैवेद्य तैयार किये
जाते हैं
छोटा भंडार
छोटे भंडार में प्रतिदिन ४ नैवेद्य (टिक्कड़ महाप्रसाद) तथा २ चाय के नैवेद्य तैयार
किये जाते हैं ,तथा भक्तों में बांटने एवं भंडारे के लिए भोजन तैयार किया जाता है .
बड़ा भंडार
बड़े भंडार का प्रयोग पर्व त्यौहार के अवसर पर बड़ी मात्रा में नैवेद्य तैयार करने में
किया जाता है गुरु पूर्णिमा के अवसर पर लाखों की संख्या में भक्त आने पर नैवेद्य के
रूप में पूरी,नुक्ती ,हलवा ,सब्जी ,मालपुआ आदि बड़ी मात्र में तैयार किये जाते हैं.
दरबार में आने वाले सभी भक्तो के लिए पूरी व नुक्ती प्रसादी के पैकेट बनाये व वितरित
किये जाते हैं.
भंडारा
दरबार में बाहर से आने वाले यात्री गण ,परिक्रमा वासियों तथा साधु सन्यासियों के लिए
प्रति दिन भंडारा होता है. इसमे टिक्कड़ महाप्रसाद के साथ दाल सब्जी कड़ी आदि सात्विक
एवं पवित्र भोजन निःशुल्क परोसा जाता है.